Thursday, April 26, 2007

मीडिया मदारी है......?

क्या आप इल्क्ट्रॉनिक मीडिया में काम करते हैं?अगर हां तो ये ब्लॉग आपके लिए हैबशर्ते कि आप खबरों के नाम पर हर रोज होने वाले चुतिआफे से परेशान हैं। परेशान नहीं हैं तो भी चलेगा लेकिन अपने किए पर शर्मसार तक नहीं हैं तो ये ब्लॉग आपके लिए नहीं है। जानते हैं क्यो?क्योंकि एक गलत हालात के शिकार हो जानाउतनी बड़ी बात नहीं जितनी कि गलती को बेहयाई की चाश्नी में डुबो कर चाट जाना। और आज की तारीख में खबरों की दुनिया में ऐसे चटोरों की कोई कमी भी नही।ये सच है कि नौकरी करना हमारी मजबूरी है और जो लोग हमें नौकरी देते हैं उन्हें हमारे जायके से नहीं चैनल की टीआरपी यानी अपने फायदे से मतलब है।लेकिन क्या इस चौबीसो घंटे के चुतियाफे से परे किसी खबरिया चैनल का कोई भविष्य नहीं?भविष्य से मतलब कि कुछ ऐसा जो लोगों को रुचे भी और उनके सरोकारों का भी हो।क्या वाकई ऐसा कुछ नहीं हो सकता?अगर आपको ये सवाल अब भी प्रसांगिक नहीं लगता तो येब्लॉग आपके लिए बिल्कुल नहीं है लेकिन अगर आपको लगता है कि ये एक संजीदा सवाल है तोआपका स्वागत है। ऐसा करके हम कुछ उखाड़ लेगें,ऐसा दावा करना बेवकूफी होगी लेकिन जोर लगाने में क्या बुराई है यार! क्या मालूम ये सुई ही कुछ ऐसा कर जाए तो अब तक तलवार नहीं कर पाई..............

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